MRP Full Form : हेल्लो दोस्तो DigitalYukti.Com के एक और नए ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे MRP क्या है और MRP full form क्या है? इससे related पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।
जब आप कोई भी समान या product लेते हैं तो उसके box पर या किसी भी प्रकार के पैकेट पर आपने ध्यान दिया होगा MRP लिखा होता है और उसके just बगल में उस particular समान का दाम लिखा होता है कि समान कितने का है।लेकिन उस समान का rate तो rate है इसलिए product में खाली rupees ही लिखा होना चाहिए। लेकिन MRP क्यों लिखा होता है ये हम आज के लेख में हम जानेंगे और MRP का full form क्या होता है उसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
MRP क्या है ?(What is MRP)
पहले जब भी कोई कंपनी अपना product निकालती थी। तो दुकानदार उसे कम दाम में खरीद कर उसे अपने मनचाहे दाम में ही बेचता था इसलिए सरकार ने 2006 में एक नियम जारी किया कि किसी भी कंपनी के product चाहे टॉफी , बिस्किट, घी, तेल, नमक या अन्य कोई भी प्रोडक्ट हो उसपर MRP होना अनिवार्य है क्युकी MRP के चलते दुकानदार उसकी कीमत कितनी भी बढ़ा दे पर MRP से ज्यादा नहीं बढ़ा सकता है क्यूंकि ये illigel है। अगर कोई भी retailer अपने product को MRP से ज्यादा के दाम में बेचता है, तो आप उसके खिलाफ सख्त action ले सकते हैं।
MRP Full form in hindi
आपके मन में आता होगा की ये जो MRP होती है इसका full form क्या है तो आज हम आपको MRP का full form बताएंगे। MRP full form है "Maximum Retail Price" हिंदी में इसका मतलब है ज्यादा से ज्यादा या अधिकतम खुदरा मूल्य है।
MRP - Maximum Retail Price.
M- Maximum
R- Retail
P- Price.
Product की MRP कौन तय करता है:-
किसी भी product की MRP तय करना उसके मालिक के हाथ में होता है। उस product का मालिक ही decide करता है कि MRP कितनी और कैसे रखी जाएगी।
Product की MRP कैसे तय की जाती है
Product की MRP उसके निर्माता द्वारा लगाए गए उस product में लगे कुल पैसे या उसकी कुल लागत से तय करता है। किसी भी product को Retailer MRP से कम के ही दाम में खरीदता है। लेकिन वो चाहे तो अपना profit निकालकर MRP से कम दाम में sell कर सकता है। Government के अनुसार हर product के पीछे पैकेट पर या box पर उस समान कि MRP होना अनिवार्य है।
MRP के फायदे:-
अब आपको MRP का full form तो पता चला है गया होगा। अब हम आपको MRP के कुछ फायदे बताएंगे। जोकि हमारे लिए जानना बहुत जरूरी है तो चलिए शुरू करते हैं।
यह भी जानें : Ph.D full form
2006 से पहले MRP नहीं था तो retailer अपने मनचाहे दाम में चीज़े बेचता था पर अब ऐसा नहीं है MRP के लगने के बाद ये सारी चीज़े उचित दाम में मिलने लगी है और ये सबसे बड़ा फायदा हुआ है।
2006 के government law के अनुसार कोई भी कंपनी अपने product की MRP decide किए बिना market में नहीं ला सकती है और इसका फायदा भी आम जनता को ही मिलेगा क्युकी सभी समान में उन्हें extra पैसा नहीं देना पड़ेगा।
MRP के नुकसान:-
ऊपर हमने MRP के फायदे के बारे में जाना है अब हम MRP के नुकसान के बारे में जानेंगे। वैसे तो mrp के कोई नुकसान नहीं है पर कभी कभी दुकानदार को इसका नुकसान हो जाता है। इसको एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं-
मान लीजिए कोई रिटेलर product को stoke में मांगता है और उसके product खरीदने का पैसा, tax और शिपिंग charge मिलाकर उस product के price की एवरेज value यानी की maximum retail price से ज्यादा हो जाती है तो उसमें दुकानदार को नुकसान होता है क्युकी MRP के दाम से ज्यादा में को उस product को बेच ही नहीं सकता लेकिन हा दुकानदार को उस product को लाने में ज्यादा पैसा लगेगा। मगर ऐसा आम तौर पर बहुत कम होता है क्युकी product की MRP tax और shipping charge और profit जोड़कर ही निर्धारित किया जाता है।
MRP का लक्ष्य या उद्देश्य
2006 के पहले जब MRP नहीं था तो retailer कंपनी से product को कम दाम में खरीदकर customer को दुगुने और तीगुने दाम में बेचता था। ऐसा आम तौर पर गांवों में होता था। वो लोगो से ज्यादा पैसा लेकर उन्हें वो समान देते हैं इसी को देखते हुए सरकार ने ये law पास किया कि हर समाज का एक उचित price निर्धारित किया जाएगा जिसे MRP कहा जाएगा और ये सरकार ने आम जनता और खास कर के गांव के लोगों के लिए ही किया था। MRP का सबसे बड़ा उद्देश्य यही था कि आम जनता को वो product सही दाम में मिलना चाहिए।
Final Word on MRP
दोस्तो उम्मीद हैं कि आपको MRP Full Form क्या हैं के बारे में पूर्ण जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको ये जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ social media पर जरूर शेयर करें।
यह भी पढ़ें :
MRP full Form से रिलेटेड अगर कोई सुझाव हो तो कमेंट करके जरूर बताएं।
टिप्पणियाँ(0)